إِنَّآ
बेशक हम
أَنزَلْنَٰهُ
नाज़िल किया हमने उसे
فِى
लैलतुल क़दर में
لَيْلَةِ
लैलतुल क़दर में
ٱلْقَدْرِ
लैलतुल क़दर में
Inna anzalnahu fee laylati alqadri
हमने इसे क़द्र की रात में अवतरित किया
وَمَآ
और क्या चीज़
أَدْرَىٰكَ
बताए आपको
مَا
क्या है
لَيْلَةُ
लैलतुल क़दर
ٱلْقَدْرِ
लैलतुल क़दर
Wama adraka ma laylatu alqadri
और तुम्हें क्या मालूम कि क़द्र की रात क्या है?
لَيْلَةُ
लैलतुल क़दर
ٱلْقَدْرِ
लैलतुल क़दर
خَيْرٌ
बेहतर है
مِّنْ
हज़ार महीनों से
أَلْفِ
हज़ार महीनों से
شَهْرٍ
हज़ार महीनों से
Laylatu alqadri khayrun min alfi shahrin
क़द्र की रात उत्तम है हज़ार महीनों से,
تَنَزَّلُ
उतरते हैं
ٱلْمَلَٰٓئِكَةُ
फ़रिश्ते
وَٱلرُّوحُ
और रूह(जिब्रील)
فِيهَا
उसमें
بِإِذْنِ
अपने रब के इज़्न से
رَبِّهِم
अपने रब के इज़्न से
مِّن
हर काम के लिए
كُلِّ
हर काम के लिए
أَمْرٍ
हर काम के लिए
Tanazzalu almalaikatu waalrroohu feeha biithni rabbihim min kulli amrin
उसमें फ़रिश्तें और रूह हर महत्वपूर्ण मामलें में अपने रब की अनुमति से उतरते है
سَلَٰمٌ
सलामती है
هِىَ
वो
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
مَطْلَعِ
तुलूअ हो जाए
ٱلْفَجْرِ
फ़जर
Salamun hiya hatta matla'i alfajri
वह रात पूर्णतः शान्ति और सलामती है, उषाकाल के उदय होने तक
القرآن الكريم: | القدر |
---|---|
आयत सजदा (سجدة): | - |
सूरा (latin): | Al-Qadr |
सूरा: | 97 |
कुल आयत: | 5 |
कुल शब्द: | 30 |
कुल वर्ण: | 112 |
रुकु: | 1 |
वर्गीकरण: | मक्कन सूरा |
Revelation Order: | 25 |
से शुरू आयत: | 6125 |