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وَمَا لِاَحَدٍ عِنْدَهٗ مِنْ نِّعْمَةٍ تُجْزٰىٓۙ  ( الليل: ١٩ )

And not
وَمَا
और नहीं
for anyone
لِأَحَدٍ
किसी एक के लिए
with him
عِندَهُۥ
उसके पास
any
مِن
कोई नेअमत(एहसान)
favor
نِّعْمَةٍ
कोई नेअमत(एहसान)
to be recompensed
تُجْزَىٰٓ
बदला दिया जाएगा (जिसका)

Wama liahadin 'indahu min ni'matin tujza (al-Layl 92:19)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और हाल यह है कि किसी का उसपर उपकार नहीं कि उसका बदला दिया जा रहा हो,

English Sahih:

And not [giving] for anyone who has [done him] a favor to be rewarded ([92] Al-Layl : 19)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और लुत्फ ये है कि किसी का उस पर कोई एहसान नहीं जिसका उसे बदला दिया जाता है