وَمِنَ الْاَعْرَابِ مَنْ يَّتَّخِذُ مَا يُنْفِقُ مَغْرَمًا وَّيَتَرَبَّصُ بِكُمُ الدَّوَاۤىِٕرَ ۗعَلَيْهِمْ دَاۤىِٕرَةُ السَّوْءِ ۗوَاللّٰهُ سَمِيْعٌ عَلِيْمٌ ( التوبة: ٩٨ )
Wamina ala'rabi man yattakhithu ma yunfiqu maghraman wayatarabbasu bikumu alddawaira 'alayhim dairatu alssawi waAllahu samee'un 'aleemun (at-Tawbah 9:98)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और कुछ बद्दूज ऐसे है कि वे जो कुछ ख़र्च करते है, उसे तावान समझते है और तुम्हारे हक़ मं बुरी गर्दिशों (बुरे दिन) की प्रतीक्षा में हैं, बुरी गर्दिश में तो वही है। अल्लाह सब कुछ सुनता, जानता है
English Sahih:
And among the bedouins are some who consider what they spend as a loss and await for you turns of misfortune. Upon them will be a misfortune of evil. And Allah is Hearing and Knowing. ([9] At-Tawbah : 98)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और कुछ गॅवार देहाती (ऐसे भी हैं कि जो कुछ ख़ुदा की) राह में खर्च करते हैं उसे तावान (जुर्माना) समझते हैं और तुम्हारे हक़ में (ज़माने की) गर्दिशों के मुन्तज़िर (इन्तेज़ार में) हैं उन्हीं पर (ज़माने की) बुरी गर्दिश पड़े और ख़ुदा तो सब कुछ सुनता जानता है