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اَلْاَعْرَابُ اَشَدُّ كُفْرًا وَّنِفَاقًا وَّاَجْدَرُ اَلَّا يَعْلَمُوْا حُدُوْدَ مَآ اَنْزَلَ اللّٰهُ عَلٰى رَسُوْلِهٖ ۗوَاللّٰهُ عَلِيْمٌ حَكِيْمٌ  ( التوبة: ٩٧ )

The bedouins
ٱلْأَعْرَابُ
देहाती/बदवी
(are) stronger
أَشَدُّ
ज़्यादा सख़्त हैं
(in) disbelief
كُفْرًا
कुफ़्र
and hypocrisy
وَنِفَاقًا
और निफ़ाक़ में
and more likely
وَأَجْدَرُ
और ज़्यादा लायक़ हैं
that not
أَلَّا
कि ना
they know
يَعْلَمُوا۟
वो जानें
(the) limits
حُدُودَ
हुदूद को
(of) what
مَآ
उसकी जो
Allah (has) revealed
أَنزَلَ
नाज़िल किया
Allah (has) revealed
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
to
عَلَىٰ
अपने रसूल पर
His Messenger
رَسُولِهِۦۗ
अपने रसूल पर
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) All-Knower
عَلِيمٌ
ख़ूब इल्म वाला है
All-Wise
حَكِيمٌ
बहुत हिकमत वाला है

Ala'rabu ashaddu kufran wanifaqan waajdaru alla ya'lamoo hudooda ma anzala Allahu 'ala rasoolihi waAllahu 'aleemun hakeemun (at-Tawbah 9:97)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे बद्दूग इनकार और कपटाचार में बहुत-ही बढ़े हुए है। और इसी के ज़्यादा योग्य है कि उनकी सीमाओं से अनभिज्ञ रहें, जिसे अल्लाह ने अपने रसूल पर अवतरित किया है। अल्लाह सर्वज्ञ, तत्वदर्शी है

English Sahih:

The bedouins are stronger in disbelief and hypocrisy and more likely not to know the limits of what [laws] Allah has revealed to His Messenger. And Allah is Knowing and Wise. ([9] At-Tawbah : 97)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ये) अरब के गॅवार देहाती कुफ्र व निफाक़ में बड़े सख्त हैं और इसी क़ाबिल हैं कि जो किताब ख़ुदा ने अपने रसूल पर नाज़िल फरमाई है उसके एहक़ाम न जानें और ख़ुदा तो बड़ा दाना हकीम है