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رَضُوْا بِاَنْ يَّكُوْنُوْا مَعَ الْخَوَالِفِ وَطُبِعَ عَلٰى قُلُوْبِهِمْ فَهُمْ لَا يَفْقَهُوْنَ   ( التوبة: ٨٧ )

They (were) satisfied
رَضُوا۟
वो राज़ी हो गए
to
بِأَن
कि
be
يَكُونُوا۟
वो हों
with
مَعَ
साथ पीछे रहने वालों के
those who stay behind
ٱلْخَوَالِفِ
साथ पीछे रहने वालों के
and were sealed
وَطُبِعَ
और मोहर लगा दी गई
[on]
عَلَىٰ
उनके दिलों पर
their hearts
قُلُوبِهِمْ
उनके दिलों पर
so they
فَهُمْ
पस वो
(do) not
لَا
नहीं वो समझते
understand
يَفْقَهُونَ
नहीं वो समझते

Radoo bian yakoonoo ma'a alkhawalifi watubi'a 'ala quloobihim fahum la yafqahoona (at-Tawbah 9:87)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे इसी पर राज़ी हुए कि पीछे रह जानेवाली स्त्रियों के साथ रह जाएँ और उनके दिलों पर तो मुहर लग गई है, अतः वे समझते नहीं

English Sahih:

They were satisfied to be with those who stay behind, and their hearts were sealed over, so they do not understand. ([9] At-Tawbah : 87)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ये इस बात से ख़ुश हैं कि पीछे रह जाने वालों (औरतों, बच्चों, बीमारो के साथ बैठे) रहें और (गोया) उनके दिल पर मोहर कर दी गई तो ये कुछ नहीं समझतें