Skip to main content

فَاَعْقَبَهُمْ نِفَاقًا فِيْ قُلُوْبِهِمْ اِلٰى يَوْمِ يَلْقَوْنَهٗ بِمَآ اَخْلَفُوا اللّٰهَ مَا وَعَدُوْهُ وَبِمَا كَانُوْا يَكْذِبُوْنَ   ( التوبة: ٧٧ )

So He penalized them
فَأَعْقَبَهُمْ
तो उसने सज़ा दी उन्हें
(with) hypocrisy
نِفَاقًا
निफ़ाक़ (डाल कर)
in
فِى
उनके दिलों में
their hearts
قُلُوبِهِمْ
उनके दिलों में
until
إِلَىٰ
उस दिन तक
the day
يَوْمِ
उस दिन तक
when they will meet Him
يَلْقَوْنَهُۥ
वो मुलाक़ात करेंगे उससे
because
بِمَآ
बवजह उसके जो
they broke
أَخْلَفُوا۟
उन्होंने ख़िलाफ़ किया
(the covenant) with Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह से
what
مَا
जिसका
they had promised Him
وَعَدُوهُ
उन्होंने वादा किया था उससे
and because
وَبِمَا
और बवजह उसके जो
they used to
كَانُوا۟
थे वो
lie
يَكْذِبُونَ
वो झूठ बोलते

Faa'qabahum nifaqan fee quloobihim ila yawmi yalqawnahu bima akhlafoo Allaha ma wa'adoohu wabima kanoo yakthiboona (at-Tawbah 9:77)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर परिणाम यह हुआ कि उसने उनके दिलों में उस दिन तक के लिए कपटाचार डाल दिया, जब वे उससे मिलेंगे, इसलिए कि उन्होंने अल्लाह से जो प्रतिज्ञा की थी उसे भंग कर दिया और इसलिए भी कि वे झूठ बोलते रहे

English Sahih:

So He penalized them with hypocrisy in their hearts until the Day they will meet Him – because they failed Allah in what they promised Him and because they [habitually] used to lie. ([9] At-Tawbah : 77)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर उनसे उनके ख़ामयाजे (बदले) में अपनी मुलाक़ात के दिन (क़यामत) तक उनके दिल में (गोया खुद) निफाक डाल दिया इस वजह से उन लोगों ने जो ख़ुदा से वायदा किया था उसके ख़िलाफ किया और इस वजह से कि झूठ बोला करते थे