اَلْمُنٰفِقُوْنَ وَالْمُنٰفِقٰتُ بَعْضُهُمْ مِّنْۢ بَعْضٍۘ يَأْمُرُوْنَ بِالْمُنْكَرِ وَيَنْهَوْنَ عَنِ الْمَعْرُوْفِ وَيَقْبِضُوْنَ اَيْدِيَهُمْۗ نَسُوا اللّٰهَ فَنَسِيَهُمْ ۗ اِنَّ الْمُنٰفِقِيْنَ هُمُ الْفٰسِقُوْنَ ( التوبة: ٦٧ )
Almunafiqoona waalmunafiqatu ba'duhum min ba'din yamuroona bialmunkari wayanhawna 'ani alma'roofi wayaqbidoona aydiyahum nasoo Allaha fanasiyahum inna almunafiqeena humu alfasiqoona (at-Tawbah 9:67)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
मुनाफ़िक़ पुरुष और मुनाफ़िक़ स्त्रियाँ सब एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। वे बुराई का हुक्म देते है और भलाई से रोकते है और हाथों को बन्द किए रहते है। वे अल्लाह को भूल बैठे तो उसने भी उन्हें भुला दिया। निश्चय ही मुनाफ़िक़ अवज्ञाकारी हैं
English Sahih:
The hypocrite men and hypocrite women are of one another. They enjoin what is wrong and forbid what is right and close their hands. They have forgotten Allah, so He has forgotten them [accordingly]. Indeed, the hypocrites – it is they who are the defiantly disobedient. ([9] At-Tawbah : 67)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
मुनाफिक़ मर्द और मुनाफिक़ औरतें एक दूसरे के बाहम जिन्स हैं कि (लोगों को) बुरे काम का तो हुक्म करते हैं और नेक कामों से रोकते हैं और अपने हाथ (राहे ख़ुदा में ख़र्च करने से) बन्द रखते हैं (सच तो यह है कि) ये लोग ख़ुदा को भूल बैठे तो ख़ुदा ने भी (गोया) उन्हें भुला दिया बेशक मुनाफ़िक़ बदचलन है