وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ لَيَقُوْلُنَّ اِنَّمَا كُنَّا نَخُوْضُ وَنَلْعَبُۗ قُلْ اَبِاللّٰهِ وَاٰيٰتِهٖ وَرَسُوْلِهٖ كُنْتُمْ تَسْتَهْزِءُوْنَ ( التوبة: ٦٥ )
And if
وَلَئِن
और अलबत्ता अगर
you ask them
سَأَلْتَهُمْ
पूछो तुम उनसे
surely they will say
لَيَقُولُنَّ
अलबत्ता वो ज़रूर कहेंगे
"Only
إِنَّمَا
बेशक
we were
كُنَّا
थे हम
conversing
نَخُوضُ
हम बहस कर रहे
and playing"
وَنَلْعَبُۚ
और हम दिल्लगी करते
Say
قُلْ
कह दीजिए
"Is it Allah
أَبِٱللَّهِ
क्या अल्लाह का
and His Verses
وَءَايَٰتِهِۦ
और उसकी आयात का
and His Messenger
وَرَسُولِهِۦ
और उसके रसूल का
(that) you were
كُنتُمْ
थे तुम
mocking?"
تَسْتَهْزِءُونَ
मज़ाक़ उड़ाते
Walain saaltahum layaqoolunna innama kunna nakhoodu wanal'abu qul abiAllahi waayatihi warasoolihi kuntum tastahzioona (at-Tawbah 9:65)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और यदि उनसे पूछो तो कह देंगे, 'हम तो केवल बातें और हँसी-खेल कर रहे थे।' कहो, 'क्या अल्लाह, उसकी आयतों और उसके रसूल के साथ हँसी-मज़ाक़ करते थे?
English Sahih:
And if you ask them, they will surely say, "We were only conversing and playing." Say, "Is it Allah and His verses and His Messenger that you were mocking?" ([9] At-Tawbah : 65)