اِتَّخَذُوْٓا اَحْبَارَهُمْ وَرُهْبَانَهُمْ اَرْبَابًا مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ وَالْمَسِيْحَ ابْنَ مَرْيَمَۚ وَمَآ اُمِرُوْٓا اِلَّا لِيَعْبُدُوْٓا اِلٰهًا وَّاحِدًاۚ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَۗ سُبْحٰنَهٗ عَمَّا يُشْرِكُوْنَ ( التوبة: ٣١ )
Ittakhathoo ahbarahum waruhbanahum arbaban min dooni Allahi waalmaseeha ibna maryama wama omiroo illa liya'budoo ilahan wahidan la ilaha illa huwa subhanahu 'amma yushrikoona (at-Tawbah 9:31)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उन्होंने अल्लाह से हटकर अपने धर्मज्ञाताओं और संसार-त्यागी संतों और मरयम के बेटे ईसा को अपने रब बना लिए है - हालाँकि उन्हें इसके सिवा और कोई आदेश नहीं दिया गया था कि अकेले इष्टि-पूज्य की वे बन्दगी करें, जिसक सिवा कोई और पूज्य नहीं। उसकी महिमा के प्रतिकूल है वह शिर्क जो ये लोग करते है। -
English Sahih:
They have taken their scholars and monks as lords besides Allah, and [also] the Messiah, the son of Mary. And they were not commanded except to worship one God; there is no deity except Him. Exalted is He above whatever they associate with Him. ([9] At-Tawbah : 31)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
उन लोगों ने तो अपने ख़ुदा को छोड़कर अपनी आलिमों को और अपने ज़ाहिदों को और मरियम के बेटे मसीह को अपना परवरदिगार बना डाला हालॉकि उन्होनें सिवाए इसके और हुक्म ही नहीं दिया गया कि ख़ुदाए यक़ता (सिर्फ़ ख़ुदा) की इबादत करें उसके सिवा (और कोई क़ाबिले परसतिश नहीं)