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اِنَّمَا يَعْمُرُ مَسٰجِدَ اللّٰهِ مَنْ اٰمَنَ بِاللّٰهِ وَالْيَوْمِ الْاٰخِرِ وَاَقَامَ الصَّلٰوةَ وَاٰتَى الزَّكٰوةَ وَلَمْ يَخْشَ اِلَّا اللّٰهَ ۗفَعَسٰٓى اُولٰۤىِٕكَ اَنْ يَّكُوْنُوْا مِنَ الْمُهْتَدِيْنَ   ( التوبة: ١٨ )

Only
إِنَّمَا
बेशक
will maintain
يَعْمُرُ
आबाद करता है
(the) masajid of Allah
مَسَٰجِدَ
मस्जिदें
(the) masajid of Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
(the one) who
مَنْ
वो जो
believes
ءَامَنَ
ईमान लाए
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
and the Day
وَٱلْيَوْمِ
और आख़िरी दिन पर
the Last
ٱلْءَاخِرِ
और आख़िरी दिन पर
and establishes
وَأَقَامَ
और वो क़ायम करे
the prayer
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
and gives
وَءَاتَى
और वो अदा करे
the zakah
ٱلزَّكَوٰةَ
ज़कात
and not
وَلَمْ
और ना
fear
يَخْشَ
वो डरे
except
إِلَّا
सिवाय
Allah
ٱللَّهَۖ
अल्लाह के
Then perhaps
فَعَسَىٰٓ
तो उम्मीद है
those
أُو۟لَٰٓئِكَ
ये लोग
[that]
أَن
कि
they are
يَكُونُوا۟
वो होंगे
of
مِنَ
हिदायत पाने वालों में से
the guided ones
ٱلْمُهْتَدِينَ
हिदायत पाने वालों में से

Innama ya'muru masajida Allahi man amana biAllahi waalyawmi alakhiri waaqama alssalata waata alzzakata walam yakhsha illa Allaha fa'asa olaika an yakoonoo mina almuhtadeena (at-Tawbah 9:18)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अल्लाह की मस्जिदों का प्रबंधक और उसे आबाद करनेवाला वही हो सकता है जो अल्लाह और अंतिम दिन पर ईमान लाया, नमाज़ क़ायम की और ज़कात दी और अल्लाह के सिवा किसी से न डरा। अतः ऐसे ही लोग, आशा है कि सीधा मार्ग पानेवाले होंगे

English Sahih:

The mosques of Allah are only to be maintained by those who believe in Allah and the Last Day and establish prayer and give Zakah and do not fear except Allah, for it is expected that those will be of the [rightly] guided. ([9] At-Tawbah : 18)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ख़ुदा की मस्जिदों को बस सिर्फ वहीं शख़्स (जाकर) आबाद कर सकता है जो ख़ुदा और रोजे आख़िरत पर ईमान लाए और नमाज़ पढ़ा करे और ज़कात देता रहे और ख़ुदा के सिवा (और) किसी से न डरो तो अनक़रीब यही लोग हिदायत याफ्ता लोगों मे से हो जाऎंगे