لَقَدْ تَّابَ اللّٰهُ عَلَى النَّبِيِّ وَالْمُهٰجِرِيْنَ وَالْاَنْصَارِ الَّذِيْنَ اتَّبَعُوْهُ فِيْ سَاعَةِ الْعُسْرَةِ مِنْۢ بَعْدِ مَا كَادَ يَزِيْغُ قُلُوْبُ فَرِيْقٍ مِّنْهُمْ ثُمَّ تَابَ عَلَيْهِمْۗ اِنَّهٗ بِهِمْ رَءُوْفٌ رَّحِيْمٌ ۙ ( التوبة: ١١٧ )
Laqad taba Allahu 'ala alnnabiyyi waalmuhajireena waalansari allatheena ittaba'oohu fee sa'ati al'usrati min ba'di ma kada yazeeghu quloobu fareeqin minhum thumma taba 'alayhim innahu bihim raoofun raheemun (at-Tawbah 9:117)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह नबी पर मेहरबान हो गया और मुहाजिरों और अनसार पर भी, जिन्होंने तंगी की घड़ी में उसका साथ दिया, इसके पश्चात कि उनमें से एक गिरोह के दिल कुटिलता की ओर झुक गए थे। फिर उसने उनपर दया-दृष्टि दर्शाई। निस्संदेह, वह उनके लिए अत्यन्त करुणामय, दयावान है
English Sahih:
Allah has already forgiven the Prophet and the Muhajireen and the Ansar who followed him in the hour of difficulty after the hearts of a party of them had almost inclined [to doubt], and then He forgave them. Indeed, He was to them Kind and Merciful. ([9] At-Tawbah : 117)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
अलबत्ता ख़ुदा ने नबी और उन मुहाजिरीन अन्सार पर बड़ा फज़ल किया जिन्होंने तंगदस्ती के वक्त रसूल का साथ दिया और वह भी उसके बाद कि क़रीब था कि उनमे ंसे कुछ लोगों के दिल जगमगा जाएँ फिर ख़ुदा ने उन पर (भी) फज़ल किया इसमें शक़ नहीं कि वह उन लोगों पर पड़ा तरस खाने वाला मेहरबान है