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اَلَمْ يَعْلَمُوْٓا اَنَّ اللّٰهَ هُوَ يَقْبَلُ التَّوْبَةَ عَنْ عِبَادِهٖ وَيَأْخُذُ الصَّدَقٰتِ وَاَنَّ اللّٰهَ هُوَ التَّوَّابُ الرَّحِيْمُ   ( التوبة: ١٠٤ )

Do not
أَلَمْ
क्या नहीं
they know
يَعْلَمُوٓا۟
वो जानते
that
أَنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) He
هُوَ
वो ही
(Who) accepts
يَقْبَلُ
वो क़ुबूल करता है
the repentance
ٱلتَّوْبَةَ
तौबा को
from
عَنْ
अपने बन्दों से
His slaves
عِبَادِهِۦ
अपने बन्दों से
and takes
وَيَأْخُذُ
और वो ले लेता है
the charities
ٱلصَّدَقَٰتِ
सदक़ात
and that
وَأَنَّ
और बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
He
هُوَ
वो ही है
(is) the Acceptor of repentance
ٱلتَّوَّابُ
बहुत तौबा क़ुबूल करने वाला
the Most Merciful
ٱلرَّحِيمُ
निहायत रहम करने वाला

Alam ya'lamoo anna Allaha huwa yaqbalu alttawbata 'an 'ibadihi wayakhuthu alssadaqati waanna Allaha huwa alttawwabu alrraheemu (at-Tawbah 9:104)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्या वे जानते नहीं कि अल्लाह ही अपने बन्दों की तौबा क़बूल करता है और सदक़े लेता है और यह कि अल्लाह ही तौबा क़बूल करनेवाला, अत्यन्त दयावान है

English Sahih:

Do they not know that it is Allah who accepts repentance from His servants and receives charities and that it is Allah who is the Accepting of Repentance, the Merciful? ([9] At-Tawbah : 104)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

क्या इन लोगों ने इतने भी नहीं जाना यक़ीनन ख़ुदा बन्दों की तौबा क़ुबूल करता है और वही ख़ैरातें (भी) लेता है और इसमें शक़ नहीं कि वही तौबा का बड़ा कुबूल करने वाला मेहरबान है