وَالَّيْلِ اِذَا يَسْرِۚ ( الفجر: ٤ )
And the night
وَٱلَّيْلِ
और रात की
when
إِذَا
जब
it passes
يَسْرِ
वो चलती है
Waallayli itha yasri (al-Fajr 89:4)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
साक्षी है रात जब वह विदा हो रही हो
English Sahih:
And [by] the night when it passes, ([89] Al-Fajr : 4)