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يٰٓاَيُّهَا الْاِنْسَانُ اِنَّكَ كَادِحٌ اِلٰى رَبِّكَ كَدْحًا فَمُلٰقِيْهِۚ   ( الإنشقاق: ٦ )

O
يَٰٓأَيُّهَا
mankind!
ٱلْإِنسَٰنُ
इन्सान
Indeed, you
إِنَّكَ
बेशक तू
(are) laboring
كَادِحٌ
मेहनत करने वाला है
to
إِلَىٰ
तरफ़ अपने रब के
your Lord
رَبِّكَ
तरफ़ अपने रब के
(with) exertion
كَدْحًا
सख़्त मेहनत
and you (will) meet Him
فَمُلَٰقِيهِ
फिर मिलने वाला है उससे

Ya ayyuha alinsanu innaka kadihun ila rabbika kadhan famulaqeehi (al-ʾInšiq̈āq̈ 84:6)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ मनुष्य! तू मशक़्क़त करता हुआ अपने रब ही की ओर खिंचा चला जा रहा है और अन्ततः उससे मिलने वाला है

English Sahih:

O mankind, indeed you are laboring toward your Lord with [great] exertion and will meet it. ([84] Al-Inshiqaq : 6)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उस पर लाज़िम भी यही है (तो क़यामत आ जाएगी) ऐ इन्सान तू अपने परवरदिगार की हुज़ूरी की कोशिश करता है