وَاَذِنَتْ لِرَبِّهَا وَحُقَّتْۗ ( الإنشقاق: ٥ )
And has listened
وَأَذِنَتْ
और वो कान लगाए हुए है
to its Lord
لِرَبِّهَا
अपने रब के लिए
and was obligated
وَحُقَّتْ
और वो हक़ दी गई है
Waathinat lirabbiha wahuqqat (al-ʾInšiq̈āq̈ 84:5)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और वह अपने रब की सुनेगी, और उसे यही चाहिए भी
English Sahih:
And has listened [i.e., responded] to its Lord and was obligated [to do so] – ([84] Al-Inshiqaq : 5)