فَمَا لَهُمْ لَا يُؤْمِنُوْنَۙ ( الإنشقاق: ٢٠ )
So what
فَمَا
पस क्या है
(is) for them
لَهُمْ
उन्हें
not
لَا
नहीं वो ईमान लाते
they believe
يُؤْمِنُونَ
नहीं वो ईमान लाते
Fama lahum la yuminoona (al-ʾInšiq̈āq̈ 84:20)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर उन्हें क्या हो गया है कि ईमान नहीं लाते?
English Sahih:
So what is [the matter] with them [that] they do not believe, ([84] Al-Inshiqaq : 20)