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وَالَّيْلِ اِذَا عَسْعَسَۙ  ( التكوير: ١٧ )

And the night
وَٱلَّيْلِ
और रात की
when
إِذَا
जब
it departs
عَسْعَسَ
वो रुख़्सत होती है

Waallayli itha 'as'asa (at-Takwīr 81:17)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

साक्षी है रात्रि जब वह प्रस्थान करे,

English Sahih:

And by the night as it closes in ([81] At-Takwir : 17)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और रात की क़सम जब ख़त्म होने को आए