ثُمَّ
फिर
أَمَاتَهُۥ
उसने मौत दी उसे
فَأَقْبَرَهُۥ
फिर उसने क़ब्र दी उसे
Thumma amatahu faaqbarahu
फिर उसे मृत्यु दी और क्रब में उसे रखवाया,
ثُمَّ
फिर
إِذَا
जब
شَآءَ
वो चाहेगा
أَنشَرَهُۥ
वो उठा खड़ा करेगा उसे
Thumma itha shaa ansharahu
फिर जब चाहेगा उसे (जीवित करके) उठा खड़ा करेगा। -
كَلَّا
हरगिज़ नहीं
لَمَّا
अभी तक नहीं
يَقْضِ
उसने पूरा किया
مَآ
जो
أَمَرَهُۥ
उसने हुक्म दिया था उसे
Kalla lamma yaqdi ma amarahu
कदापि नहीं, उसने उसको पूरा नहीं किया जिसका आदेश अल्लाह ने उसे दिया है
فَلْيَنظُرِ
पस चाहिए कि देखे
ٱلْإِنسَٰنُ
इन्सान
إِلَىٰ
तरफ़ अपने खाने के
طَعَامِهِۦٓ
तरफ़ अपने खाने के
Falyanthuri alinsanu ila ta'amihi
अतः मनुष्य को चाहिए कि अपने भोजन को देखे,
أَنَّا
बेशक हम
صَبَبْنَا
उँडेला हमने
ٱلْمَآءَ
पानी
صَبًّا
ख़ूब उँडेलना
Anna sababna almaa sabban
कि हमने ख़ूब पानी बरसाया,
ثُمَّ
फिर
شَقَقْنَا
फाड़ी हमने
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन
شَقًّا
ख़ूब फाड़ना
Thumma shaqaqna alarda shaqqan
फिर धरती को विशेष रूप से फाड़ा,
فَأَنۢبَتْنَا
फिर उगाया हमने
فِيهَا
उसमें
حَبًّا
ग़ल्ला
Faanbatna feeha habban
फिर हमने उसमें उगाए अनाज,