اِنَّ شَرَّ الدَّوَاۤبِّ عِنْدَ اللّٰهِ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا فَهُمْ لَا يُؤْمِنُوْنَۖ ( الأنفال: ٥٥ )
Indeed
إِنَّ
बेशक
(the) worst
شَرَّ
बदतरीन
(of) the living creatures
ٱلدَّوَآبِّ
जानदारों में
near
عِندَ
अल्लाह के नज़दीक
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के नज़दीक
(are) those who
ٱلَّذِينَ
वो हैं जिन्होंने
disbelieve
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
and they
فَهُمْ
पस वो
(will) not
لَا
नहीं वो ईमान लाऐंगे
believe
يُؤْمِنُونَ
नहीं वो ईमान लाऐंगे
Inna sharra alddawabbi 'inda Allahi allatheena kafaroo fahum la yuminoona (al-ʾAnfāl 8:55)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
निश्चय ही, सबसे बुरे प्राणी अल्लाह की स्पष्ट में वे लोग है, जिन्होंने इनकार किया। फिर वे ईमान नहीं लाते
English Sahih:
Indeed, the worst of living creatures in the sight of Allah are those who have disbelieved, and they will not [ever] believe– ([8] Al-Anfal : 55)