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وَاِذْ يُرِيْكُمُوْهُمْ اِذِ الْتَقَيْتُمْ فِيْٓ اَعْيُنِكُمْ قَلِيْلًا وَّيُقَلِّلُكُمْ فِيْٓ اَعْيُنِهِمْ لِيَقْضِيَ اللّٰهُ اَمْرًا كَانَ مَفْعُوْلًا ۗوَاِلَى اللّٰهِ تُرْجَعُ الْاُمُوْرُ ࣖ   ( الأنفال: ٤٤ )

And when
وَإِذْ
और जब
He showed them to you
يُرِيكُمُوهُمْ
वो दिखा रहा था तुम्हें उनको
when
إِذِ
जब
you met
ٱلْتَقَيْتُمْ
आमने-सामने हुए तुम
in
فِىٓ
तुम्हारी निगाहों में
your eyes
أَعْيُنِكُمْ
तुम्हारी निगाहों में
(as) few
قَلِيلًا
थोड़े
and He made you (appear) as few
وَيُقَلِّلُكُمْ
और वो थोड़ा दिखा रहा था तुम्हें
in
فِىٓ
उनकी निगाहों में
their eyes
أَعْيُنِهِمْ
उनकी निगाहों में
that might accomplish
لِيَقْضِىَ
ताकि वो पूरा कर दे
Allah might accomplish
ٱللَّهُ
अल्लाह
a matter
أَمْرًا
काम
(that) was
كَانَ
था जो
(already) destined
مَفْعُولًاۗ
होकर रहने वाला
And to
وَإِلَى
और तरफ़ अल्लाह ही के
Allah
ٱللَّهِ
और तरफ़ अल्लाह ही के
return
تُرْجَعُ
लौटाए जाते हैं
(all) the matters
ٱلْأُمُورُ
सब काम

Waith yureekumoohum ithi iltaqaytum fee a'yunikum qaleelan wayuqallilukum fee a'yunihim liyaqdiya Allahu amran kana maf'oolan waila Allahi turja'u alomooru (al-ʾAnfāl 8:44)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

याद करो जब तुम्हारी परस्पर मुठभेड़ हुई तो वह तुम्हारी निगाहों में उन्हें कम करके और तुम्हें उनकी निगाहों में कम करके दिखा रहा था, ताकि अल्लाह उस बात का फ़ैसला कर दे जिसका होना निश्चित था। और सारे मामले अल्लाह ही की ओर पलटते है

English Sahih:

And [remember] when He showed them to you, when you met, as few in your eyes, and He made you [appear] as few in their eyes so that Allah might accomplish a matter already destined. And to Allah are [all] matters returned. ([8] Al-Anfal : 44)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ये वह वक्त था) जब तुम लोगों ने मुठभेड़ की तो ख़ुदा ने तुम्हारी ऑखों में कुफ्फ़ार को बहुत कम करके दिखलाया और उनकी ऑखों में तुमको थोड़ा कर दिया ताकि ख़ुदा को जो कुछ करना मंज़ूर था वह पूरा हो जाए और कुल बातों का दारोमदार तो ख़ुदा ही पर है