وَمِنَ الَّيْلِ فَاسْجُدْ لَهٗ وَسَبِّحْهُ لَيْلًا طَوِيْلًا ( الانسان: ٢٦ )
And of
وَمِنَ
और रात के कुछ हिस्से में
the night
ٱلَّيْلِ
और रात के कुछ हिस्से में
prostrate
فَٱسْجُدْ
पस सजदा कीजिए
to Him
لَهُۥ
उसके लिए
and glorify Him
وَسَبِّحْهُ
और तस्बीह कीजिए उसकी
a night
لَيْلًا
रात में
long
طَوِيلًا
लम्बी
Wamina allayli faosjud lahu wasabbihhu laylan taweelan (al-ʾInsān 76:26)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और रात के कुछ हिस्से में भी उसे सजदा करो, लम्बी-लम्बी रात तक उसकी तसबीह करते रहो
English Sahih:
And during the night prostrate to Him and exalt [i.e., praise] Him a long [part of the] night. ([76] Al-Insan : 26)