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فَاصْبِرْ لِحُكْمِ رَبِّكَ وَلَا تُطِعْ مِنْهُمْ اٰثِمًا اَوْ كَفُوْرًاۚ  ( الانسان: ٢٤ )

So be patient
فَٱصْبِرْ
पस सब्र कीजिए
for (the) Command
لِحُكْمِ
हुक्म के लिए
(of) your Lord
رَبِّكَ
अपने रब के
and (do) not
وَلَا
और ना
obey
تُطِعْ
आप इताअत कीजिए
from them
مِنْهُمْ
उनमें से
any sinner
ءَاثِمًا
किसी गुनाहगार की
or
أَوْ
या
disbeliever
كَفُورًا
बहुत नाशुक्रे की

Faisbir lihukmi rabbika wala tuti' minhum athiman aw kafooran (al-ʾInsān 76:24)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अतः अपने रब के हुक्म और फ़ैसले के लिए धैर्य से काम लो और उनमें से किसी पापी या कृतघ्न का आज्ञापालन न करना

English Sahih:

So be patient for the decision of your Lord and do not obey from among them a sinner or ungrateful [disbeliever]. ([76] Al-Insan : 24)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो तुम अपने परवरदिगार के हुक्म के इन्तज़ार में सब्र किए रहो और उन लोगों में से गुनाहगार और नाशुक्रे की पैरवी न करना