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اَوْلٰى لَكَ فَاَوْلٰىۙ  ( القيامة: ٣٤ )

Woe
أَوْلَىٰ
अफ़सोस
to you
لَكَ
तुझ पर
and woe!
فَأَوْلَىٰ
फिर अफ़सोस

Awla laka faawla (al-Q̈iyamah 75:34)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अफ़सोस है तुझपर और अफ़सोस है!

English Sahih:

Woe to you, and woe! ([75] Al-Qiyamah : 34)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

अफसोस है तुझ पर फिर अफसोस है फिर तुफ़ है