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وَلَآ اُقْسِمُ بِالنَّفْسِ اللَّوَّامَةِ   ( القيامة: ٢ )

And nay!
وَلَآ
और नहीं
I swear
أُقْسِمُ
मैं क़सम खाता हूँ
by the soul
بِٱلنَّفْسِ
नफ़्स की
self-accusing
ٱللَّوَّامَةِ
मलामत करने वाले

Wala oqsimu bialnnafsi allawwamati (al-Q̈iyamah 75:2)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और नहीं! मैं कसम खाता हूँ मलामत करनेवाली आत्मा की

English Sahih:

And I swear by the reproaching soul [to the certainty of resurrection]. ([75] Al-Qiyamah : 2)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(और बुराई से) मलामत करने वाले जी की क़सम खाता हूँ (कि तुम सब दोबारा) ज़रूर ज़िन्दा किए जाओगे