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لَآ اُقْسِمُ بِيَوْمِ الْقِيٰمَةِۙ  ( القيامة: ١ )

Nay!
لَآ
नहीं मैं क़सम खाता हूँ
I swear
أُقْسِمُ
नहीं मैं क़सम खाता हूँ
by (the) Day
بِيَوْمِ
दिन की
(of) the Resurrection
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के

La oqsimu biyawmi alqiyamati (al-Q̈iyamah 75:1)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

नहीं, मैं क़सम खाता हूँ क़ियामत के दिन की,

English Sahih:

I swear by the Day of Resurrection ([75] Al-Qiyamah : 1)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

मैं रोजे क़यामत की क़सम खाता हूँ