لِّيَعْلَمَ اَنْ قَدْ اَبْلَغُوْا رِسٰلٰتِ رَبِّهِمْ وَاَحَاطَ بِمَا لَدَيْهِمْ وَاَحْصٰى كُلَّ شَيْءٍ عَدَدًا ࣖ ( الجن: ٢٨ )
That He may make evident
لِّيَعْلَمَ
ताकि वो जान ले
that
أَن
कि
indeed
قَدْ
तहक़ीक़
they have conveyed
أَبْلَغُوا۟
उन्होंने पहुँचा दिए
(the) Messages
رِسَٰلَٰتِ
पैग़ामात
(of) their Lord;
رَبِّهِمْ
अपने रब के
and He has encompassed
وَأَحَاطَ
और उसने घेर रखा है
what
بِمَا
उनको जो
(is) with them
لَدَيْهِمْ
उनके पास है
and He takes account
وَأَحْصَىٰ
और उसने शुमार कर रखा है
(of) all
كُلَّ
हर
things
شَىْءٍ
चीज़ को
(in) number"
عَدَدًۢا
अदद के ऐतबार से
Liya'lama an qad ablaghoo risalati rabbihim waahata bima ladayhim waahsa kulla shayin 'adadan (al-Jinn 72:28)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ताकि वह यक़ीनी बना दे कि उन्होंने अपने रब के सन्देश पहुँचा दिए और जो कुछ उनके पास है उसे वह घेरे हुए है और हर चीज़ को उसने गिन रखा है।'
English Sahih:
That he [i.e., Muhammad (^)] may know that they have conveyed the messages of their Lord; and He has encompassed whatever is with them and has enumerated all things in number. ([72] Al-Jinn : 28)