يَّهْدِيْٓ اِلَى الرُّشْدِ فَاٰمَنَّا بِهٖۗ وَلَنْ نُّشْرِكَ بِرَبِّنَآ اَحَدًاۖ ( الجن: ٢ )
It guides
يَهْدِىٓ
वो रहनुमाई करता है
to
إِلَى
तरफ़ भलाई के
the right way
ٱلرُّشْدِ
तरफ़ भलाई के
so we believe
فَـَٔامَنَّا
पस ईमान लाए हम
in it
بِهِۦۖ
उस पर
and never
وَلَن
और हरगिज़ नहीं
we will associate
نُّشْرِكَ
हम शरीक करेंगे
with our Lord
بِرَبِّنَآ
साथ अपने रब के
anyone
أَحَدًا
किसी एक को
Yahdee ila alrrushdi faamanna bihi walan nushrika birabbina ahadan (al-Jinn 72:2)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'जो भलाई और सूझ-बूझ का मार्ग दिखाता है, अतः हम उसपर ईमान ले आए, और अब हम कदापि किसी को अपने रब का साझी नहीं ठहराएँगे
English Sahih:
It guides to the right course, and we have believed in it. And we will never associate with our Lord anyone. ([72] Al-Jinn : 2)