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وَّاَنَّا ظَنَنَّآ اَنْ لَّنْ نُّعْجِزَ اللّٰهَ فِى الْاَرْضِ وَلَنْ نُّعْجِزَهٗ هَرَبًاۖ  ( الجن: ١٢ )

And that we
وَأَنَّا
और बेशक हम
[we] have become certain
ظَنَنَّآ
यक़ीन रखते हैं हम
that
أَن
कि
never
لَّن
हरगिज़ नहीं
we will cause failure
نُّعْجِزَ
हम आजिज़ कर सकते
(to) Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह को
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
and never
وَلَن
और हरगिज़ नहीं
we can escape Him
نُّعْجِزَهُۥ
हम आजिज़ कर सकते उसे
(by) flight
هَرَبًا
भाग कर

Wanna thananna an lan nu'jiza Allaha fee alardi walan nu'jizahu haraban (al-Jinn 72:12)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'और यह कि हमने समझ लिया कि हम न धरती में कही जाकर अल्लाह के क़ाबू से निकल सकते है, और न आकाश में कहीं भागकर उसके क़ाबू से निकल सकते है

English Sahih:

And we have become certain that we will never cause failure to Allah upon earth, nor can we escape Him by flight. ([72] Al-Jinn : 12)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ये कि हम समझते थे कि हम ज़मीन में (रह कर) ख़ुदा को हरगिज़ हरा नहीं सकते हैं और न भाग कर उसको आजिज़ कर सकते हैं