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يَوْمَ يَخْرُجُوْنَ مِنَ الْاَجْدَاثِ سِرَاعًا كَاَنَّهُمْ اِلٰى نُصُبٍ يُّوْفِضُوْنَۙ  ( المعارج: ٤٣ )

(The) Day
يَوْمَ
जिस दिन
they will come out
يَخْرُجُونَ
वो निकलेंगे
from
مِنَ
क़ब्रों से
the graves
ٱلْأَجْدَاثِ
क़ब्रों से
rapidly
سِرَاعًا
दौड़ते हुए
as if they (were)
كَأَنَّهُمْ
गोया कि वो
to
إِلَىٰ
तरफ़ आसतानों के
a goal
نُصُبٍ
तरफ़ आसतानों के
hastening
يُوفِضُونَ
वो दौड़ते हैं

Yawma yakhrujoona mina alajdathi sira'an kaannahum ila nusubin yoofidoona (al-Maʿārij 70:43)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिस दिन वे क़ब्रों से तेज़ी के साथ निकलेंगे जैसे किसी निशान की ओर दौड़े जा रहे है,

English Sahih:

The Day they will emerge from the graves rapidly as if they were, toward an erected idol, hastening. ([70] Al-Ma'arij : 43)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उसी दिन ये लोग कब्रों से निकल कर इस तरह दौड़ेंगे गोया वह किसी झन्डे की तरफ दौड़े चले जाते हैं