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وَالَّذِيْنَ هُمْ لِاَمٰنٰتِهِمْ وَعَهْدِهِمْ رَاعُوْنَۖ  ( المعارج: ٣٢ )

And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
[they]
هُمْ
वो
of their trusts
لِأَمَٰنَٰتِهِمْ
अपनी अमानतों की
and their promise
وَعَهْدِهِمْ
और अपने वादों की
(are) observers
رَٰعُونَ
निगरानी करने वाले हैं

Waallatheena hum liamanatihim wa'ahdihim ra'oona (al-Maʿārij 70:32)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो अपने पास रखी गई अमानतों और अपनी प्रतिज्ञा का निर्वाह करते है,

English Sahih:

And those who are to their trusts and promises attentive. ([70] Al-Ma'arij : 32)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो लोग अपनी अमानतों और अहदों का लेहाज़ रखते हैं