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وَمَنْ خَفَّتْ مَوَازِيْنُهٗ فَاُولٰۤىِٕكَ الَّذِيْنَ خَسِرُوْٓا اَنْفُسَهُمْ بِمَا كَانُوْا بِاٰيٰتِنَا يَظْلِمُوْنَ   ( الأعراف: ٩ )

And (for) those
وَمَنْ
और जो कोई
(will be) light
خَفَّتْ
हल्के हुए
his scales
مَوَٰزِينُهُۥ
मीज़ान/तराज़ू उसके
so those
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
(will be) the ones who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
lost
خَسِرُوٓا۟
ख़सारे में डाला
themselves
أَنفُسَهُم
अपने नफ़्सों को
because
بِمَا
बवजह उसके जो
they were
كَانُوا۟
थे वो
to Our Verses
بِـَٔايَٰتِنَا
साथ हमारी आयात के
(doing) injustice
يَظْلِمُونَ
वो ज़ुल्म करते

Waman khaffat mawazeenuhu faolaika allatheena khasiroo anfusahum bima kanoo biayatina yathlimoona (al-ʾAʿrāf 7:9)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और वे लोग जिनके कर्म वज़न में हलके होंगे, तो वही वे लोग हैं, जिन्होंने अपने आपको घाटे में डाला, क्योंकि वे हमारी आयतों का इनकार औऱ अपने ऊपर अत्याचार करते रहे

English Sahih:

And those whose scales are light – they are the ones who will lose themselves for what injustice they were doing toward Our verses. ([7] Al-A'raf : 9)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(और जिनके नेक अमाल के) पल्ले हलके होगें तो उन्हीं लोगों ने हमारी आयत से नाफरमानी करने की वजह से यक़ीनन अपना आप नुक़सान किया