وَاِلٰى ثَمُوْدَ اَخَاهُمْ صٰلِحًاۘ قَالَ يٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَيْرُهٗۗ قَدْ جَاۤءَتْكُمْ بَيِّنَةٌ مِّنْ رَّبِّكُمْۗ هٰذِهٖ نَاقَةُ اللّٰهِ لَكُمْ اٰيَةً فَذَرُوْهَا تَأْكُلْ فِيْٓ اَرْضِ اللّٰهِ وَلَا تَمَسُّوْهَا بِسُوْۤءٍ فَيَأْخُذَكُمْ عَذَابٌ اَلِيْمٌ ( الأعراف: ٧٣ )
Waila thamooda akhahum salihan qala ya qawmi o'budoo Allaha ma lakum min ilahin ghayruhu qad jaatkum bayyinatun min rabbikum hathihi naqatu Allahi lakum ayatan fatharooha takul fee ardi Allahi wala tamassooha bisooin fayakhuthakum 'athabun aleemun (al-ʾAʿrāf 7:73)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और समूद की ओर उनके भाई सालेह को भेजा। उसने कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगो! अल्लाह की बन्दगी करो। उसके अतिरिक्त तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण आ चुका है। यह अल्लाह की ऊँटनी तुम्हारे लिए एक निशानी है। अतः इसे छोड़ दो कि अल्लाह की धरती में खाए। और तकलीफ़ पहुँचाने के लिए इसे हाथ न लगाना, अन्यथा तुम्हें एक दुखद यातना आ लेगी।-
English Sahih:
And to the Thamud [We sent] their brother Saleh. He said, "O my people, worship Allah; you have no deity other than Him. There has come to you clear evidence from your Lord. This is the she-camel of Allah [sent] to you as a sign. So leave her to eat within Allah's land and do not touch her with harm, lest there seize you a painful punishment. ([7] Al-A'raf : 73)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (हमने क़ौम) समूद की तरफ उनके भाई सालेह को रसूल बनाकर भेजा तो उन्होनें (उन लोगों से कहा) ऐ मेरी क़ौम ख़ुदा ही की इबादत करो और उसके सिवा कोई तुम्हारा माबूद नहीं है तुम्हारे पास तो तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से वाज़ेए और रौशन दलील आ चुकी है ये ख़ुदा की भेजी हुई ऊँटनी तुम्हारे वास्ते एक मौजिज़ा है तो तुम लोग उसको छोड़ दो कि ख़ुदा की ज़मीन में जहाँ चाहे चरती फिरे और उसे कोई तकलीफ़ ना पहुंचाओ वरना तुम दर्दनाक अज़ाब में गिरफ्तार हो जाआगे