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فَاَنْجَيْنٰهُ وَالَّذِيْنَ مَعَهٗ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا وَقَطَعْنَا دَابِرَ الَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَا وَمَا كَانُوْا مُؤْمِنِيْنَ ࣖ   ( الأعراف: ٧٢ )

So We saved him
فَأَنجَيْنَٰهُ
पस निजात दे दी हमने उसे
and those
وَٱلَّذِينَ
और उन्हें जो
with him
مَعَهُۥ
उसके साथ थे
by Mercy
بِرَحْمَةٍ
साथ रहमत के
from Us
مِّنَّا
अपनी तरफ़ से
And We cut off
وَقَطَعْنَا
और काट दी हमने
the roots
دَابِرَ
जड़
(of) those who
ٱلَّذِينَ
उनकी जिन्होंने
denied
كَذَّبُوا۟
झुठलाया
Our Signs
بِـَٔايَٰتِنَاۖ
हमारी आयात को
and not
وَمَا
और ना
they were
كَانُوا۟
थे वो
believers
مُؤْمِنِينَ
ईमान लाने वाले

Faanjaynahu waallatheena ma'ahu birahmatin minna waqata'na dabira allatheena kaththaboo biayatina wama kanoo mumineena (al-ʾAʿrāf 7:72)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर हमने अपनी दयालुता से उसको और जो लोग उसके साथ थे उन्हें बचा लिया और उन लोगों की जड़ काट दी, जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया था और ईमानवाले न थे

English Sahih:

So We saved him and those with him by mercy from Us. And We eliminated those who denied Our signs, and they were not [at all] believers. ([7] Al-A'raf : 72)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

आख़िर हमने उनको और जो लोग उनके साथ थे उनको अपनी रहमत से नजात दी और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया था हमने उनकी जड़ काट दी और वह लोग ईमान लाने वाले थे भी नहीं