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فَكَذَّبُوْهُ فَاَنْجَيْنٰهُ وَالَّذِيْنَ مَعَهٗ فِى الْفُلْكِ وَاَغْرَقْنَا الَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَاۗ اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمًا عَمِيْنَ ࣖ   ( الأعراف: ٦٤ )

But they denied him
فَكَذَّبُوهُ
तो उन्होंने झुठला दिया उसे
so We saved him
فَأَنجَيْنَٰهُ
तो निजात दी हमने उसे
and those who
وَٱلَّذِينَ
और उन्हें जो
(were) with him
مَعَهُۥ
उसके साथ थे
in
فِى
कश्ती में
the ship
ٱلْفُلْكِ
कश्ती में
And We drowned
وَأَغْرَقْنَا
और ग़र्क़ कर दिया हमने
those who
ٱلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
denied
كَذَّبُوا۟
झुठलाया
Our Verses
بِـَٔايَٰتِنَآۚ
हमारी आयात को
Indeed they
إِنَّهُمْ
बेशक वो
were
كَانُوا۟
थे वो
a people
قَوْمًا
लोग
blind
عَمِينَ
अँधे

Fakaththaboohu faanjaynahu waallatheena ma'ahu fee alfulki waaghraqna allatheena kaththaboo biayatina innahum kanoo qawman 'ameena (al-ʾAʿrāf 7:64)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

किन्तु उन्होंने झुठला दिया। अन्ततः हमने उसे और उन लोगों को जो उसके साथ एक नौका में थे, बचा लिया और जिन लोगों ने हमारी आयतों को ग़लत समझा, उन्हें हमने डूबो दिया। निश्चय ही वे अन्धे लोग थे

English Sahih:

But they denied him, so We saved him and those who were with him in the ship. And We drowned those who denied Our signs. Indeed, they were a blind people. ([7] Al-A'raf : 64)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

इस पर भी लोगों ने उनकों झुठला दिया तब हमने उनको और जो लोग उनके साथ कश्ती में थे बचा लिया और बाक़ी जितने लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया था सबको डुबो मारा ये सब के सब यक़ीनन अन्धे लोग थे