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اَوَعَجِبْتُمْ اَنْ جَاۤءَكُمْ ذِكْرٌ مِّنْ رَّبِّكُمْ عَلٰى رَجُلٍ مِّنْكُمْ لِيُنْذِرَكُمْ وَلِتَتَّقُوْا وَلَعَلَّكُمْ تُرْحَمُوْنَ   ( الأعراف: ٦٣ )

Do you wonder
أَوَعَجِبْتُمْ
क्या भला ताज्जुब हुआ तुम्हें
that
أَن
कि
has come to you
جَآءَكُمْ
आई तुम्हारे पास
a reminder
ذِكْرٌ
एक नसीहत
from
مِّن
तुम्हारे रब की तरफ़ से
your Lord
رَّبِّكُمْ
तुम्हारे रब की तरफ़ से
on
عَلَىٰ
एक शख़्स पर
a man
رَجُلٍ
एक शख़्स पर
among you
مِّنكُمْ
तुम ही में से
that he may warn you
لِيُنذِرَكُمْ
ताकि वो डराए तुम्हें
and that you may fear
وَلِتَتَّقُوا۟
और ताकि तुम बचो
and so that you may
وَلَعَلَّكُمْ
और ताकि तुम
receive mercy"
تُرْحَمُونَ
तुम रहम किए जाओ

Awa'ajibtum an jaakum thikrun min rabbikum 'ala rajulin minkum liyunthirakum walitattaqoo wala'allakum turhamoona (al-ʾAʿrāf 7:63)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्या (तुमने मुझे झूठा समझा) और तुम्हें इस पार आश्चर्य हुआ कि तुम्हारे पास तुम्हीं में से एक आदमी के द्वारा तुम्हारे रब की नसीहत आई? ताकि वह तुम्हें सचेत कर दे और ताकि तुम डर रखने लगो और शायद कि तुमपर दया की जाए

English Sahih:

Then do you wonder that there has come to you a reminder from your Lord through a man from among you, that he may warn you and that you may fear Allah so you might receive mercy?" ([7] Al-A'raf : 63)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

क्या तुम्हें उस बात पर ताअज्जुब है कि तुम्हारे पास तुम्ही में से एक मर्द (आदमी) के ज़रिए से तुम्हारे परवरदिगार का ज़िक्र (हुक्म) आया है ताकि वह तुम्हें (अज़ाब से) डराए और ताकि तुम परहेज़गार बनों और ताकि तुम पर रहम किया जाए