لَقَدْ اَرْسَلْنَا نُوْحًا اِلٰى قَوْمِهٖ فَقَالَ يٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَيْرُهٗۗ اِنِّيْٓ اَخَافُ عَلَيْكُمْ عَذَابَ يَوْمٍ عَظِيْمٍ ( الأعراف: ٥٩ )
Laqad arsalna noohan ila qawmihi faqala ya qawmi o'budoo Allaha ma lakum min ilahin ghayruhu innee akhafu 'alaykum 'athaba yawmin 'atheemin (al-ʾAʿrāf 7:59)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमने नूह को उसकी क़ौम के लोगों की ओर भेजा, तो उसने कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगो! अल्लाह की बन्दगी करो। उसके अतिरिक्त तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। मैं तुम्हारे लिए एक बड़े दिन का यातना से डरता हूँ।'
English Sahih:
We had certainly sent Noah to his people, and he said, "O my people, worship Allah; you have no deity other than Him. Indeed, I fear for you the punishment of a tremendous Day." ([7] Al-A'raf : 59)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
हम यू अपनी आयतों को उलेटफेर कर शुक्रग़ुजार लोगों के वास्ते बयान करते हैं बेशक हमने नूह को उनकी क़ौम के पास (रसूल बनाकर) भेजा तो उन्होनें (लोगों से ) कहाकि ऐ मेरी क़ौम ख़ुदा की ही इबादत करो उसके सिवा तुम्हारा कोई माबूद नहीं है और मैं तुम्हारी निस्बत (क़यामत जैसे) बड़े ख़ौफनाक दिन के अज़ाब से डरता हूँ