وَهُوَ الَّذِيْ يُرْسِلُ الرِّيٰحَ بُشْرًاۢ بَيْنَ يَدَيْ رَحْمَتِهٖۗ حَتّٰٓى اِذَآ اَقَلَّتْ سَحَابًا ثِقَالًا سُقْنٰهُ لِبَلَدٍ مَّيِّتٍ فَاَنْزَلْنَا بِهِ الْمَاۤءَ فَاَخْرَجْنَا بِهٖ مِنْ كُلِّ الثَّمَرٰتِۗ كَذٰلِكَ نُخْرِجُ الْمَوْتٰى لَعَلَّكُمْ تَذَكَّرُوْنَ ( الأعراف: ٥٧ )
Wahuwa allathee yursilu alrriyaha bushran bayna yaday rahmatihi hatta itha aqallat sahaban thiqalan suqnahu libaladin mayyitin faanzalna bihi almaa faakhrajna bihi min kulli alththamarati kathalika nukhriju almawta la'allakum tathakkaroona (al-ʾAʿrāf 7:57)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और वही है जो अपनी दयालुता से पहले शुभ सूचना देने को हवाएँ भेजता है, यहाँ तक कि जब वे बोझल बादल को उठा लेती है तो हम उसे किसी निर्जीव भूमि की ओर चला देते है, फिर उससे पानी बरसाते है, फिर उससे हर तरह के फल निकालते है। इसी प्रकार हम मुर्दों को मृत अवस्था से निकालेगे - ताकि तुम्हें ध्यान हो
English Sahih:
And it is He who sends the winds as good tidings before His mercy [i.e., rainfall] until, when they have carried heavy rainclouds, We drive them to a dead land and We send down rain therein and bring forth thereby [some] of all the fruits. Thus will We bring forth the dead; perhaps you may be reminded. ([7] Al-A'raf : 57)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(क्योंकि) नेकी करने वालों से ख़ुदा की रहमत यक़ीनन क़रीब है और वही तो (वह) ख़ुदा है जो अपनी रहमत (अब्र) से पहले खुशखबरी देने वाली हवाओ को भेजता है यहाँ तक कि जब हवाएं (पानी से भरे) बोझल बादलों के ले उड़े तो हम उनको किसी शहर की की तरफ (जो पानी का नायाबी (कमी) से गोया) मर चुका था हॅका दिया फिर हमने उससे पानी बरसाया, फिर हमने उससे हर तरह के फल ज़मीन से निकाले