وَنَادٰٓى اَصْحٰبُ النَّارِ اَصْحٰبَ الْجَنَّةِ اَنْ اَفِيْضُوْا عَلَيْنَا مِنَ الْمَاۤءِ اَوْ مِمَّا رَزَقَكُمُ اللّٰهُ ۗقَالُوْٓا اِنَّ اللّٰهَ حَرَّمَهُمَا عَلَى الْكٰفِرِيْنَۙ ( الأعراف: ٥٠ )
Wanada ashabu alnari ashaba aljannati an afeedoo 'alayna mina almai aw mimma razaqakumu Allahu qaloo inna Allaha harramahuma 'ala alkafireena (al-ʾAʿrāf 7:50)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
आगवाले जन्नतवालों को पुकारेंगे कि ,'थोड़ा पानी हमपर बहा दो, या उन चीज़ों में से कुछ दे दो जो अल्लाह ने तुम्हें दी हैं।' वे कहेंगे, 'अल्लाह ने तो ये दोनों चीज़ें इनकार करनेवालों के लिए वर्जित कर दी है।'
English Sahih:
And the companions of the Fire will call to the companions of Paradise, "Pour upon us some water or from whatever Allah has provided you." They will say, "Indeed, Allah has forbidden them both to the disbelievers ([7] Al-A'raf : 50)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और दोज़ख वाले अहले बेहिश्त को (लजाजत से) आवाज़ देगें कि हम पर थोड़ा सा पानी ही उंडेल दो या जो (नेअमतों) खुदा ने तुम्हें दी है उसमें से कुछ (दे डालो दो तो अहले बेहिश्त जवाब में) कहेंगें कि ख़ुदा ने तो जन्नत का खाना पानी काफिरों पर कतई हराम कर दिया है