اَهٰٓؤُلَاۤءِ الَّذِيْنَ اَقْسَمْتُمْ لَا يَنَالُهُمُ اللّٰهُ بِرَحْمَةٍۗ اُدْخُلُوا الْجَنَّةَ لَا خَوْفٌ عَلَيْكُمْ وَلَآ اَنْتُمْ تَحْزَنُوْنَ ( الأعراف: ٤٩ )
Ahaolai allatheena aqsamtum la yanaluhumu Allahu birahmatin odkhuloo aljannata la khawfun 'alaykum wala antum tahzanoona (al-ʾAʿrāf 7:49)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'क्या ये वही हैं ना, जिनके विषय में तुम क़समें खाते थे कि अल्लाह उनपर अपनी दया-दृष्टि न करेगा।' 'जन्नत में प्रवेश करो, तुम्हारे लिए न कोई भय है और न तुम्हें कोई शोक होगा।'
English Sahih:
[Allah will say], "Are these the ones whom you [inhabitants of Hell] swore that Allah would never offer them mercy? Enter Paradise, [O people of the Elevations]. No fear will there be concerning you, nor will you grieve." ([7] Al-A'raf : 49)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
जो तुम दुनिया में किया करते थे यही लोग वह हैं जिनकी निस्बत तुम कसमें खाया करते थे कि उन पर ख़ुदा (अपनी) रहमत न करेगा (देखो आज वही लोग हैं जिनसे कहा गया कि बेतकल्लुफ) बेहश्त में चलो जाओ न तुम पर कोई खौफ है और न तुम किसी तरह आर्ज़ुदा ख़ातिर परेशानी होगी