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۞ وَاِذَا صُرِفَتْ اَبْصَارُهُمْ تِلْقَاۤءَ اَصْحٰبِ النَّارِۙ قَالُوْا رَبَّنَا لَا تَجْعَلْنَا مَعَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِيْنَ ࣖ  ( الأعراف: ٤٧ )

And when
وَإِذَا
और जब
are turned
صُرِفَتْ
फेरी जाऐंगी
their eyes
أَبْصَٰرُهُمْ
निगाहें उनकी
towards
تِلْقَآءَ
तरफ़
(the) companions
أَصْحَٰبِ
आग वालों के
(of) the Fire
ٱلنَّارِ
आग वालों के
they (will) say
قَالُوا۟
वो कहेंगे
"Our Lord!
رَبَّنَا
ऐ हमारे रब
(Do) not
لَا
ना तू कर हमें
place us
تَجْعَلْنَا
ना तू कर हमें
with
مَعَ
साथ उन लोगों के
the people -
ٱلْقَوْمِ
साथ उन लोगों के
the wrongdoers"
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं

Waitha surifat absaruhum tilqaa ashabi alnnari qaloo rabbana la taj'alna ma'a alqawmi alththalimeena (al-ʾAʿrāf 7:47)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जब उनकी निगाहें आगवालों की ओर फिरेंगी, तो कहेंगे, 'हमारे रब, हमें अत्याचारी लोगों में न सम्मिलित न करना।'

English Sahih:

And when their eyes are turned toward the companions of the Fire, they say, "Our Lord, do not place us with the wrongdoing people." ([7] Al-A'raf : 47)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जब उनकी निगाहें पलटकर जहन्नुमी लोगों की तरफ जा पड़ेगीं (तो उनकी ख़राब हालत देखकर ख़ुदा से अर्ज़ करेगें) ऐ हमारे परवरदिगार हमें ज़ालिम लोगों का साथी न बनाना