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فَرِيْقًا هَدٰى وَفَرِيْقًا حَقَّ عَلَيْهِمُ الضَّلٰلَةُ ۗاِنَّهُمُ اتَّخَذُوا الشَّيٰطِيْنَ اَوْلِيَاۤءَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ وَيَحْسَبُوْنَ اَنَّهُمْ مُّهْتَدُوْنَ   ( الأعراف: ٣٠ )

A group
فَرِيقًا
एक गिरोह को
He guided
هَدَىٰ
उसने हिदायत दी
and a group
وَفَرِيقًا
और एक गिरोह
deserved
حَقَّ
चसपाँ हो गई
[on] they
عَلَيْهِمُ
उन पर
the astraying
ٱلضَّلَٰلَةُۗ
गुमराही
Indeed, they
إِنَّهُمُ
बेशक वो
take
ٱتَّخَذُوا۟
उन्होंने बना लिया
the devils
ٱلشَّيَٰطِينَ
शयातीन को
(as) allies
أَوْلِيَآءَ
दोस्त
from
مِن
सिवाय
besides
دُونِ
सिवाय
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
while they think
وَيَحْسَبُونَ
और वो समझते हैं
that they
أَنَّهُم
बेशक वो
(are the) guided-ones
مُّهْتَدُونَ
हिदायत याफ़्ता हैं

Fareeqan hada wafareeqan haqqa 'alayhimu alddalalatu innahumu ittakhathoo alshshayateena awliyaa min dooni Allahi wayahsaboona annahum muhtadoona (al-ʾAʿrāf 7:30)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

एक गिरोह को उसने मार्ग दिखाया। परन्तु दूसरा गिरोह ऐसा है, जिसके लोगों पर गुमराही चिपककर रह गई। निश्चय ही उन्होंने अल्लाह को छोड़कर शैतानों को अपने मित्र बनाए और समझते यह है कि वे सीधे मार्ग पर हैं

English Sahih:

A group [of you] He guided, and a group deserved [to be in] error. Indeed, they [i.e., the latter] had taken the devils as allies instead of Allah while they thought that they were guided. ([7] Al-A'raf : 30)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उसी तरह फिर (दोबारा) ज़िन्दा किये जाओगे उसी ने एक फरीक़ की हिदायत की और एक गिरोह (के सर) पर गुमराही सवार हो गई उन लोगों ने ख़ुदा को छोड़कर शैतानों को अपना सरपरस्त बना लिया और बावजूद उसके गुमराह करते हैं कि वह राह रास्ते पर है