يٰبَنِيْٓ اٰدَمَ لَا يَفْتِنَنَّكُمُ الشَّيْطٰنُ كَمَآ اَخْرَجَ اَبَوَيْكُمْ مِّنَ الْجَنَّةِ يَنْزِعُ عَنْهُمَا لِبَاسَهُمَا لِيُرِيَهُمَا سَوْاٰتِهِمَا ۗاِنَّهٗ يَرٰىكُمْ هُوَ وَقَبِيْلُهٗ مِنْ حَيْثُ لَا تَرَوْنَهُمْۗ اِنَّا جَعَلْنَا الشَّيٰطِيْنَ اَوْلِيَاۤءَ لِلَّذِيْنَ لَا يُؤْمِنُوْنَ ( الأعراف: ٢٧ )
Ya banee adama la yaftinannakumu alshshaytanu kama akhraja abawaykum mina aljannati yanzi'u 'anhuma libasahuma liyuriyahuma sawatihima innahu yarakum huwa waqabeeluhu min haythu la tarawnahum inna ja'alna alshshayateena awliyaa lillatheena la yuminoona (al-ʾAʿrāf 7:27)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ आदम की सन्तान! कहीं शैतान तुम्हें बहकावे में न डाल दे, जिस प्रकार उसने तुम्हारे माँ-बाप को जन्नत से निकलवा दिया था; उनके वस्त्र उनपर से उतरवा दिए थे, ताकि उनकी शर्मगाहें एक-दूसरे के सामने खोल दे। निस्सदेह वह और उसका गिरोह उस स्थान से तुम्हें देखता है, जहाँ से तुम उन्हें नहीं देखते। हमने तो शैतानों को उन लोगों का मित्र बना दिया है, जो ईमान नहीं रखते
English Sahih:
O children of Adam, let not Satan tempt you as he removed your parents from Paradise, stripping them of their clothing to show them their private parts. Indeed, he sees you, he and his tribe, from where you do not see them. Indeed, We have made the devils allies to those who do not believe. ([7] Al-A'raf : 27)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ताकि लोग नसीहत व इबरत हासिल करें ऐ औलादे आदम (होशियार रहो) कहीं तुम्हें शैतान बहका न दे जिस तरह उसने तुम्हारे बाप माँ आदम व हव्वा को बेहश्त से निकलवा छोड़ा उसी ने उन दोनों से (बेहश्ती) पोशाक उतरवाई ताकि उन दोनों को उनकी शर्मगाहें दिखा दे वह और उसका क़ुनबा ज़रूर तुम्हें इस तरह देखता रहता है कि तुम उन्हे नहीं देखने पाते हमने शैतानों को उन्हीं लोगों का रफीक़ क़रार दिया है