يَا بَنِيْٓ اٰدَمَ قَدْ اَنْزَلْنَا عَلَيْكُمْ لِبَاسًا يُّوَارِيْ سَوْاٰتِكُمْ وَرِيْشًاۗ وَلِبَاسُ التَّقْوٰى ذٰلِكَ خَيْرٌۗ ذٰلِكَ مِنْ اٰيٰتِ اللّٰهِ لَعَلَّهُمْ يَذَّكَّرُوْنَ ( الأعراف: ٢٦ )
Ya banee adama qad anzalna 'alaykum libasan yuwaree sawatikum wareeshan walibasu alttaqwa thalika khayrun thalika min ayati Allahi la'allahum yaththakkaroona (al-ʾAʿrāf 7:26)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ आदम की सन्तान! हमने तुम्हारे लिए वस्त्र उतारा है कि तुम्हारी शर्मगाहों को छुपाए और रक्षा और शोभा का साधन हो। और धर्मपरायणता का वस्त्र - वह तो सबसे उत्तम है, यह अल्लाह की निशानियों में से है, ताकि वे ध्यान दें
English Sahih:
O children of Adam, We have bestowed upon you clothing to conceal your private parts and as adornment. But the clothing of righteousness – that is best. That is from the signs of Allah that perhaps they will remember. ([7] Al-A'raf : 26)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और उसी में से (और) उसी में से फिर दोबारा तुम ज़िन्दा करके निकाले जाओगे ऐ आदम की औलाद हमने तुम्हारे लिए पोशाक नाज़िल की जो तुम्हारे शर्मगाहों को छिपाती है और ज़ीनत के लिए कपड़े और इसके अलावा परहेज़गारी का लिबास है और ये सब (लिबासों) से बेहतर है ये (लिबास) भी ख़ुदा (की कुदरत) की निशानियों से है