وَاِخْوَانُهُمْ يَمُدُّوْنَهُمْ فِى الْغَيِّ ثُمَّ لَا يُقْصِرُوْنَ ( الأعراف: ٢٠٢ )
But their brothers
وَإِخْوَٰنُهُمْ
और भाई उन (शैतानों) के
they plunge them
يَمُدُّونَهُمْ
वो खींचते हैं उन्हें
in
فِى
गुमराही में
the error
ٱلْغَىِّ
गुमराही में
then
ثُمَّ
फिर
not
لَا
नहीं वो कमी करते
they cease
يُقْصِرُونَ
नहीं वो कमी करते
Waikhwanuhum yamuddoonahum fee alghayyi thumma la yuqsiroona (al-ʾAʿrāf 7:202)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और उन (शैतानों) के भाई उन्हें गुमराही में खींचे लिए जाते हैं, फिर वे कोई कमी नहीं करते
English Sahih:
But their brothers – they [i.e., the devils] increase them in error; then they do not stop short. ([7] Al-A'raf : 202)