كِتٰبٌ اُنْزِلَ اِلَيْكَ فَلَا يَكُنْ فِيْ صَدْرِكَ حَرَجٌ مِّنْهُ لِتُنْذِرَ بِهٖ وَذِكْرٰى لِلْمُؤْمِنِيْنَ ( الأعراف: ٢ )
A Book
كِتَٰبٌ
ये किताब
revealed
أُنزِلَ
नाज़िल की गई है
to you
إِلَيْكَ
तरफ़ आपके
so (let) not
فَلَا
पस ना
be
يَكُن
हो
in
فِى
आपके सीने में
your breast
صَدْرِكَ
आपके सीने में
any uneasiness
حَرَجٌ
कोई तंगी
from it
مِّنْهُ
इससे
that you warn
لِتُنذِرَ
ताकि आप डराऐं
with it
بِهِۦ
साथ इसके
and a reminder
وَذِكْرَىٰ
और नसीहत है
for the believers
لِلْمُؤْمِنِينَ
ईमान लाने वालों के लिए
Kitabun onzila ilayka fala yakun fee sadrika harajun minhu litunthira bihi wathikra lilmumineena (al-ʾAʿrāf 7:2)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यह एक किताब है, जो तुम्हारी ओर उतारी गई है - अतः इससे तुम्हारे सीने में कोई तंगी न हो - ताकि तुम इसके द्वारा सचेत करो और यह ईमानवालों के लिए एक प्रबोधन है;
English Sahih:
[This is] a Book revealed to you, [O Muhammad] – so let there not be in your breast distress therefrom – that you may warn thereby and as a reminder to the believers. ([7] Al-A'raf : 2)