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وَالَّذِيْنَ تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖ لَا يَسْتَطِيْعُوْنَ نَصْرَكُمْ وَلَآ اَنْفُسَهُمْ يَنْصُرُوْنَ  ( الأعراف: ١٩٧ )

And those whom
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्हें
you invoke
تَدْعُونَ
तुम पुकारते हो
from
مِن
उसके सिवा
besides Him
دُونِهِۦ
उसके सिवा
not
لَا
नहीं वो इस्तिताअत रखते
they are able
يَسْتَطِيعُونَ
नहीं वो इस्तिताअत रखते
(to) help you
نَصْرَكُمْ
तुम्हारी मदद की
and not
وَلَآ
और ना
themselves
أَنفُسَهُمْ
अपने नफ़्सों की
can they help
يَنصُرُونَ
वो मदद कर सकते हैं

Waallatheena tad'oona min doonihi la yastatee'oona nasrakum wala anfusahum yansuroona (al-ʾAʿrāf 7:197)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

रहे वे जिन्हें तुम उसको छोड़कर पुकारते हो, वे तो तुम्हारी, सहायता करने की सामर्थ्य रखते है और न स्वयं अपनी ही सहायता कर सकते है

English Sahih:

And those you call upon besides Him are unable to help you, nor can they help themselves." ([7] Al-A'raf : 197)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और वह लोग (बुत) जिन्हें तुम ख़ुदा के सिवा (अपनी मदद को) पुकारते हो न तो वह तुम्हारी मदद की कुदरत रखते हैं और न ही अपनी मदद कर सकते हैं