اَلَهُمْ اَرْجُلٌ يَّمْشُوْنَ بِهَآ ۖ اَمْ لَهُمْ اَيْدٍ يَّبْطِشُوْنَ بِهَآ ۖ اَمْ لَهُمْ اَعْيُنٌ يُّبْصِرُوْنَ بِهَآ ۖ اَمْ لَهُمْ اٰذَانٌ يَّسْمَعُوْنَ بِهَاۗ قُلِ ادْعُوْا شُرَكَاۤءَكُمْ ثُمَّ كِيْدُوْنِ فَلَا تُنْظِرُوْنِ ( الأعراف: ١٩٥ )
Alahum arjulun yamshoona biha am lahum aydin yabtishoona biha am lahum a'yunun yubsiroona biha am lahum athanun yasma'oona biha quli od'oo shurakaakum thumma keedooni fala tunthirooni (al-ʾAʿrāf 7:195)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या उनके पाँव हैं जिनसे वे चलते हों या उनके हाथ हैं जिनसे वे पकड़ते हों या उनके पास आँखें हीं जिनसे वे देखते हों या उनके कान हैं जिनसे वे सुनते हों? कहों, 'तुम अपने ठहराए हु सहभागियों को बुला लो, फिर मेरे विरुद्ध चालें न चलो, इस प्रकार कि मुझे मुहलत न दो
English Sahih:
Do they have feet by which they walk? Or do they have hands by which they strike? Or do they have eyes by which they see? Or do they have ears by which they hear? Say, [O Muhammad], "Call your 'partners' and then conspire against me and give me no respite. ([7] Al-A'raf : 195)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
क्या उनके ऐसे पॉव भी हैं जिनसे चल सकें या उनके ऐसे हाथ भी हैं जिनसे (किसी चीज़ को) पकड़ सके या उनकी ऐसी ऑखे भी है जिनसे देख सकें या उनके ऐसे कान हैं जिनसे सुन सकें (ऐ रसूल उन लोगों से) कह दो कि तुम अपने बनाए हुए शरीको को बुलाओ फिर सब मिलकर मुझ पर दॉव चले फिर (मुझे) मोहलत न दो