اَوَلَمْ يَتَفَكَّرُوْا مَا بِصَاحِبِهِمْ مِّنْ جِنَّةٍۗ اِنْ هُوَ اِلَّا نَذِيْرٌ مُّبِيْنٌ ( الأعراف: ١٨٤ )
Do not
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
they reflect?
يَتَفَكَّرُوا۟ۗ
उन्होंने ग़ौरो फ़िक्र किया
Not
مَا
नहीं है
in their companion
بِصَاحِبِهِم
उनके साथी को
[of]
مِّن
कोई जुनून
(is) any madness
جِنَّةٍۚ
कोई जुनून
Not
إِنْ
नहीं
he
هُوَ
वो
(is) but
إِلَّا
मगर
a warner
نَذِيرٌ
डराने वाला
clear
مُّبِينٌ
खुल्लम-खुल्ला
Awalam yatafakkaroo ma bisahibihim min jinnatin in huwa illa natheerun mubeenun (al-ʾAʿrāf 7:184)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या उन लोगों ने विचार नहीं किया? उनके साथी को कोई उन्माद नहीं। वह तो बस एक साफ़-साफ़ सचेत करनेवाला है
English Sahih:
Then do they not give thought? There is in their companion [i.e., Muhammad (^)] no madness. He is not but a clear warner. ([7] Al-A'raf : 184)