وَالَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَا سَنَسْتَدْرِجُهُمْ مِّنْ حَيْثُ لَا يَعْلَمُوْنَ ( الأعراف: ١٨٢ )
But those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्होंने
denied
كَذَّبُوا۟
झुठलाया
Our Signs
بِـَٔايَٰتِنَا
हमारी आयात को
We will gradually lead them
سَنَسْتَدْرِجُهُم
ज़रूर हम आहिस्ता-आहिस्ता पकड़ेंगे उन्हें
from
مِّنْ
जहाँ से
where
حَيْثُ
जहाँ से
not
لَا
नहीं वो इल्म रखते
they know
يَعْلَمُونَ
नहीं वो इल्म रखते
Waallatheena kaththaboo biayatina sanastadrijuhum min haythu la ya'lamoona (al-ʾAʿrāf 7:182)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
रहे वे लोग जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया, हम उन्हें क्रमशः तबाही की ओर ले जाएँगे, ऐसे तरीक़े से जिसे वे जानते नहीं
English Sahih:
But those who deny Our signs – We will progressively lead them [to destruction] from where they do not know. ([7] Al-A'raf : 182)