سَاۤءَ مَثَلًا ۨالْقَوْمُ الَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَا وَاَنْفُسَهُمْ كَانُوْا يَظْلِمُوْنَ ( الأعراف: ١٧٧ )
Evil
سَآءَ
कितनी बुरी है
(as) an example
مَثَلًا
मिसाल
(are) the people
ٱلْقَوْمُ
उन लोगों की
those who
ٱلَّذِينَ
जिन्होंने
denied
كَذَّبُوا۟
झुठलाया
Our Signs
بِـَٔايَٰتِنَا
हमारी आयात को
and themselves
وَأَنفُسَهُمْ
और अपने ही नफ़्सों पर
they used to
كَانُوا۟
थे वो
wrong
يَظْلِمُونَ
वो ज़ुल्म करते
Saa mathalan alqawmu allatheena kaththaboo biayatina waanfusahum kanoo yathlimoona (al-ʾAʿrāf 7:177)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
बुरे है मिसाल की दृष्टि से वे लोग, जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया और वे स्वयं अपने ही ऊपर अत्याचार करते रहे
English Sahih:
How evil an example [is that of] the people who denied Our signs and used to wrong themselves. ([7] Al-A'raf : 177)